भोपाल. मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कक्षा 12वीं के रिजल्ट के फार्मूले का फॉर्मेट जारी कर दिया है. कक्षा 12वीं के स्टूडेंट्स को 10वीं में मिले नंबरों के आधार पर विषयवार नंबर दिए जाएंगे. इस प्रक्रिया को एमपी बोर्ड ने मैपिंग का नाम दिया है. दसवीं के नंबरों से सब्जेक्ट के मुताबिक कक्षा 12वीं का रिजल्ट तैयार होगा. यदि छात्रों के मुख्य विषय में ही सबसे कम नंबर है तो भी रिजल्ट खराब नहीं आएगा. अच्छे रिजल्ट के लिए तीसरी भाषा के नम्बरों का सहारा लिया जाएगा.
मुख्य 3 विषयों में से एक विषय में कम नंबर होने पर भी स्टूडेंट्स को होगा फायदारिजल्ट का फॉर्मूला कक्षा 10वीं के बेस्ट ऑफ फाइव विषयों के आधार पर तैयार होगा. 10वीं के 6 विषयों में से सबसे ज्यादा नंबर वाले पांच विषयों के प्राप्ताकों के आधार पर स्टूडेंट्स को कक्षा 12वीं में नंबर दिए जाएंगे. इससे उन विद्यार्थियों को भी फायदा होगा जिन्हें दसवीं के मुख्य तीन विषय विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान में से किसी एक में सबसे कम नंबर मिले हुए हैं. ऐसे स्टूडेंट्स का रिजल्ट सुधारने के लिए सबसे कम नंबर वाले दसवीं के मुख्य विषय के नंबर के एवज में उनकी तीसरी भाषा के नंबर दिए जाएंगे.
तीसरी भाषा से दिए जाएंगे छात्र छात्राओं को नंबर
कक्षा 10वीं में स्टूडेंट को तीन भाषाएं लेनी पड़ती हैं. इंग्लिश मीडियम वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स पहली भाषा के रूप में अंग्रेजी, दूसरा हिंदी और तीसरा विषय संस्कृत लेते हैं. हिंदी वाले पहली भाषा हिंदी, दूसरी संस्कृत, तीसरी अंग्रेजी, मराठी या उर्दू लेते हैं.
मान लें कक्षा 10वीं में किसी छात्र को 6 विषय में से विज्ञान में सबसे कम नंबर मिले तो इन्हें दसवीं कक्षा में तीसरी भाषा में मिले नंबर कक्षा 12 वीं विज्ञान के रूप में दिए जाएंगे.
ऐसे तैयार होगा रिजल्ट
12वीं के मैथ्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को कक्षा 10वीं के गणित में मिले नम्बर ही दिए जाएंगे. स्टूडेंट्स को 10वीं में गणित में 75 नम्बर मिले तो उसे 12वीं में भी मैथ्स में 75 नम्बर मिलेंगे. कॉमर्स स्ट्रीम के 12वीं स्टूडेंट्स को बुक कीपिंग और अकाउंटेंसी विषय मे 10वीं में मिले गणित के नम्बर दिए जाएंगे.
प्रैक्टिकल के लिए ये रहेगा मापदंड
साइंस के प्रैक्टिकल वाले विषयों में थ्योरी में 70 और प्रैक्टिकल में 30 के अनुपात से नंबर दिए जाएंगे. किसी विद्यार्थी को 10वीं में विज्ञान विषय में 100 में से 70 नंबर मिले हैं तो 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी में थ्योरी में 70% के हिसाब से 49 और प्रैक्टिकल के 30% के हिसाब से 21 नंबर दिए जाएंगे
रिजल्ट का जिम्मा सौंपा स्कूल प्राचार्य को
कक्षा 12वीं के रिजल्ट के फार्मूले तैयार होने के बाद अब रिजल्ट तैयार करने की जिम्मेदारी स्कूल प्राचार्यो को सौंपी गई है. प्राइवेट विद्यार्थियों को एमपी ऑनलाइन किओस्क पर जाकर 10वीं की मार्कशीट अपलोड करनी होगी. सीबीएसई के 10वीं के जिन विद्यार्थी ने 11वीं और 12वीं में एमपी बोर्ड के स्कूल में एडमिशन लिया है, उनकी 10वीं की मार्कशीट स्कूल प्रबंधन विद्यार्थियों से बुलाकर एमपी ऑनलाइन पर अपलोड करेंगे. पूरी प्रक्रिया में करीब 1 महीने का वक्त लग सकता है.
कक्षा 12वीं में मेरिट लिस्ट नहीं होगी जारी
फार्मूले से बने रिजल्ट के आधार पर यदि कोई छात्र असंतुष्ट रहता है, तो कोरोना से सामान्य हालातों के बाद स्टूडेंट्स के लिए परीक्षा आयोजित कराई जाएगी. परीक्षा देने वाले छात्रों को परीक्षा परिणाम घोषित होने के 7 दिन के अंदर परीक्षा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा. इस बार कक्षा 12वीं की मेरिट लिस्ट जारी नहीं की जाएगी.