मुंबई. मानसून की पहली बारिश (Monsoon Rain) ने बुधवार को दस्तक दी और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) की रफ्तार थम गई. अगर आप मुंबईवासी हैं तो इस सवाल का जवाब तुरंत जानना चाहेंगे कि क्या कभी मुंबई ऐसी बरसात का स्वागत कर पाएगी जब शहर बाढ़ में न डूबे, मुंबईवासियों को घरों में कैद न होना पड़े. जानिए उन कारणों को जिसकी वजह से बरसात के बाद मुंबई थम जाती है.
मुंबई में बाढ़ आने के पीछे सबसे बड़ा कारण है, शहर के कंस्ट्रक्शन का डिजायन. मुंबई की बढ़ती जनसंख्या की वजह से शहर का विस्तार लगातार हो रहा है. यह विस्तार न केवल क्षेत्रफल में बढ़ रहा है बल्कि इमारतों की ऊंचाई भी बढ़ रही है. निर्माण कार्य लगातार जारी हैं. कंस्ट्रक्शन का इस तरह से बेतरतीब विस्तार बाढ़ को दो तरह से न्योता देने वाला है.क्या हैं कारण
पहला-खाली जमीन. बेलगाम निर्माण की वजह से बरसात का पानी रोकने के लिए जगह नहीं बच रही नतीजतन बरसात के पानी को सोखने की क्षमता कम हो रही है.
दूसरा सबसे बड़ा कारण है निर्माण कार्य की वजह से पैदा होने वाले कूड़ा करकट की वजह से ड्रेनेज सिस्टम ब्लॉक हो जाता है. नतीजतन पानी को बहने के लिए जगह नहीं मिलती. मुंबई में अरे मैट्रो शेड को लेकर कुछ साल पहले जो विरोध प्रदर्शन हुआ था उसमें पेड़ काटने की वजह से मुंबई में बाढ़ की स्थिति पैदा होने की भी बात कही गई थी.
निर्माण की औसत ऊंचाई बेहद कम
एक अन्य कारण ये भी है कि मुंबई में ज्यादातर निर्माण निचले स्तर पर हुए हैं. यानी निर्माण की जमीन से ऊंचाई कम है. इन्हें लो लाइंग लोकैलिटीज (LOW-LYING LOCALITIES) कहते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक निर्माण की समुद्र तल से औसत ऊंचाई 1 मीटर के आसपास है. इसलिए ज्यादातर इलाके हमेशा बाढ़ के खतरे से जूझते रहते हैं.
ड्रेनेज सिस्टम की समस्या
इसके अलावा ड्रेनेज सिस्टम भी एक बड़ी समस्या है. 2019 में सीएजी की रिपोर्ट में इसमें बड़ी खामियां बताई गई थीं. इस रिपोर्ट में शहर के ड्रेनेज सिस्टम में अपग्रेड में देरी को भी एक बड़ी वजह बताया गया था.