प्रचार अभियानों के जरिये अपनी छवि बनाने में महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी सरकार भी पीछे नहीं रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने बीते 16 महीने में महज प्रचार पर 155 करोड़ रुपए यानी हर महीने 9.6 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिनमें 5.99 करोड़ रुपये सोशल मीडिया पर छवि चमकाने में दिए गए हैं। राज्य के सूचना व जनसंपर्क महानिदेशालय ने यह जानकारी एक आरटीआई के जवाब में दी है।
इस जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2019 में 20.31 करोड़ रुपये खर्चे गए, जिसमें सबसे अधिक 19.92 करोड़ रुपये का खर्च नियमित टीकाकरण अभियान के प्रचार में किया गया। वर्ष 2020 में 26 विभागों के प्रचार अभियान पर कुल 104.55 करोड़ रुपये खर्च हुए।
इसमें महिला दिवस के प्रचार-प्रसार में 5.96 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पर 19.92 करोड़, 4 चरणों में विशेष प्रचार अभियान पर 22.65 करोड़ रुपये खर्च किए गए। महाराष्ट्र शहरी विकास मिशन पर तीन चरणों में 6.49 करोड़ रुपये, आपदा प्रबंधन विभाग ने चक्रवात से सतर्क करने पर 9.42 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग ने इनमें से 2.25 करोड़ रुपये सोशल मीडिया पर प्रचार में खर्चे हैं। स्वास्थ्य शिक्षा विभाग ने 18.63 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वर्ष 2021 में 12 विभागों ने 12 मार्च 2021 तक 29.79 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
बढ़ सकता है खर्च का आंकड़ा
आरटीआई कार्यकर्ता गलगली के मुताबिक, खर्च का यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है, क्योंकि सूचना व जनसंपर्क महानिदेशालय के पास शत प्रतिशत जानकारी नहीं है। सोशल मीडिया के नाम पर किया जाने वाला खर्च संदिग्ध है।
इसके अलावा क्रिएटिव के नाम से दिखाए जाने वाले खर्च की गणना कई तरह की शंकाओं को जन्म दे रही है। गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर विभागीय स्तर पर होने वाले खर्च का ब्योरा और लाभार्थी का नाम वेबसाइट पर अपलोड कराए जाने की मांग की है।