केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने तीन नए कृषि कानूनों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को 'मवाली' करार दिया. गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनकी तरफ से मवाली कहने के बयान पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने इस गलत करार दिया. राकेश टिकैत ने कहा कि उपद्रवियों जैसा कुछ नहीं है. राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के लिए इस तरह की टिप्पणी करना गलता है. हम किसान है न कि मवाली. उन्होंने आगे कहा कि किसान जमीन के अन्नदाता है.
किसानों के मवाली कहने पर बवाल
इससे पहले, मीडियाकर्मी पर हुए कथित हमले पर विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'वे किसान नहीं, वे मवाली है... ये आपराधिक कृत्य है. 26 जनवरी को जो हुआ वह भी शर्मनाक आपराधिक गतिविधियां थी. विपक्ष ने इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दिया है. इसका संज्ञान लेना चाहिए. ये आपराधिक मामला है.'
वहीं टीएमसी सांसद शांतनु सेन की ओर से आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से पेपर छीनकर फाड़ने के मामले को लेकर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विपक्ष विशेष रूप से टीएमसी और कांग्रेस के सदस्य इतने नीचे गिर जाएंगे कि वे राजनीतिक विरोधी होते हुए भी देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले काम करेंगे. आज सदन में एक सदस्य ने बयान देने वाले मंत्री से कागजात छीन लिए. टीएमसी के सांसदों का बर्ताव शर्मनाक है.
मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'आज टीएमसी के सदस्य ने जो राज्यसभा में किया वो शर्मनाक है. कांग्रेस और टीएमसी झूठे नैरेटिव बनाने में कामयाब हो रहे हैं. मैं कांग्रेस और टीएमसी के द्वारा गलत खबर प्रचारित करने की बात का खंडन करती हूं. एमनेस्टी ने कहा है कि इस लिस्ट से उनका लेना देना नहीं है. उन्होंने पीछा छुड़ा लिया है.'
कैमरामेन पर हमले की अनुराग ठाकुर ने की आलोचना
इधर, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी किसान संसद के दौरान मीडिया पर हुए हमले की निंद की. उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रोनिक मीडिया की बड़ी जिम्मेदारी है देशभर से जानकारियों को इकट्ठा करना. अगर किसी कैमरामेन से मारपीट हुई है तो ऐसा नहीं होना चाहिए और मैं इसकी कड़ी आलोचना करता हूं. यह दुख की बात है.