नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejrwal) ने शनिवार को बिजली विभाग और बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने बिजली की बढ़ती मांग के बीच मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की. साथ ही विभाग के अधिकारियों को बिजली के बेहतर आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मर की जरूरत वाले क्षेत्रों की पहचान करने और लोगों की सुरक्षा के लिए हाईटेंशन तारों को डायवर्ट या अलग (इंसुलेट) करने के निर्देश दिए.
सीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी
इस बैठक में दिल्ली के विद्युत मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain), एसीएस सत्य गोपाल समेत सभी बिजली वितरण कंपनियों के सीईओ और बिजली विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. बैठक के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘आज बिजली विभाग और बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. राजधानी में बिजली की बढ़ी मांग के बीच दिल्ली में बिजली आपूर्ति की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की.’
हर साल 4-5 फीसदी बढ़ती है मांग
दिल्ली में बिजली की मौजूदा स्थिति पर विचार-विमर्श करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली में हर साल नए ग्राहकों के बढ़ने की वजह से बिजली की खपत बढ़ने और हर साल समृद्धि में वृद्धि के कारण औसतन 4-5 फीसद बिजली की मांग बढ़ती है. हम अभी तक बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में सफल रहे हैं, और दिल्ली के सभी निवासियों को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं.’
दिल्ली को कितनी बिजली की जरूरत?
कंपनियां या डिस्कॉम, जो जगह की कमी के कारण कुछ क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर को ठीक करने में समस्या का सामना कर रही हैं, वे सरकार को ऐसे स्थानों के बारे में जानकारी देंगी. सरकार उन क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर को ठीक करने में डिस्कॉम की मदद करेगी. लटकते (ओवरहेड) केबल्स या तो भूमिगत किए जाएं या अलग किए जाएं. दिल्ली सरकार, अगले साल पीक डिमांड के दौरान 8500 मेगावाट से ज्यादा बिजली की आपूर्ति करने की तैयारी कर रही है. दिल्ली में अभी तक बिजली की पीक डिमांड 7323 मेगावाट है.